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कविता

सबसे हसीन सपने

जितेंद्र श्रीवास्तव


अँधेरे में कुछ नहीं दिखता
न घर   न पेड़   न गड्ढे   न पत्थर
न बादल   न मिट्टी   न चिड़ियाँ-चुरुँग
हाथ को हाथ भी नहीं सूझता अँधेरे में

पर कैसा आश्चर्य!
दुनिया के सबसे हसीन सपने
हमेशा देखे जाते हैं अँधेरे में ही।

 


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